तुम्हारी माँ तुम्हारे लिए रो रो कर बुरा हो गया है और तुम यहाँ आराम से खा रही हो। तुम्हारी माँ ने कुछ नहीं कहा, कृपया तुम्हारी माँ के साथ ऐसा मत करो। ये सुन कर गैरी ने बोला कि ये तेरा काम नहीं है। ये मेरी और मेरी माँ के बीच की बात है। बीच में मत बोलो अरे यहां तुम से चले जाओ। एक दुखी साहिबा ने बोला आज तक पापा ने कहा था जब गरीब माँ अकेली पालपोस कर बैठी थी। गैरी घबरा गया।
जैसे तुम्हारी माँ ने हमेशा तुम्हारा साथ दिया है तुम ठीक करो या भूल जाओ। लेकिन उनका साथ कभी नहीं दिया। कृपया मेरी दादी के साथ ऐसा मत करो यह भी सुन लिया उसने कुछ नहीं बोला तब उसके पापा जसराज ने बहा आगया। और बोला कि साहिब तुम यहां क्या कर रही हो जो जी अपनी जिंदगी दो दिन की। क क्योंकि अबफे सर पर छत भी नहीं रहेगी। यह दुखी साहिबा ने मुझे बुलाया था, मेरे अंगद पर पूरा विश्वास है कि वह कृपापात्र चल को कभी भी नहीं रहेगी। और हमारा हक को तुमसे लेगा। जो जिसका है वह निश्चित रूप से कील करता है यह मेरा अंगद पर भरोसा रखता है। साहिबा ने गैरी को बोला कि तुम्हारी माँ के बारे में मैं थोड़ा सोचे। और ये कह कर वो चला गया.
घर में देखा अंगद ने कमरे में यह सब किया हाल की वजह से रो-रो उसका कर बुरा हाल हो गया है। ।तो अंगद ने बोला कि नहीं साहेब में ये सब है दोषी। अगर मैं ऐसा नहीं करता तो ऐसा नहीं होता। ना दादा जी को हमारे शेर मि.बेबेजा को। ना मैं जेल गया ना ऐसा हुआ ये दंग रह गए साहिब ने बोला कि कोई बात नहीं। चिंता तुम मत करो बस पढ़ाई लिखाई कि हम दोनों मिलकर सब ठीक कर देंगे। अंगद ने कहा कि ना जाने मेरे बारे में मेरे घर वाले क्या सोच रहे होंगे। मैं ना घर के लिए ना मेरी मां के लिए कुछ कर पा रही हूं। लेकिन साहिबा ने अंगद को बहुत मिचली दी। कहा कि तुम चिंता मत करो हम दोनों मिलकर सब ठीक कर देंगे। बाबा जी पर भरोसा दिखाया, और बोला कि चलो घर वाले ने कुछ नहीं कहा है कल से। हमने साथ मिलकर सब खाना खा अंगद को बहुत समझाया तो अंगद ने खाना खाने के लिए रेडी हुआ। साहिबा ने अंगद को लेकर खाना खाने के लिए गई तो साहिबा ने मनप्रीत से कहा कि तुम जा कर सबको खाने के लिए बुला लाओ। आगे साहिबा और अंगद की जिंदगी में क्या होने वाला है देखने के लिए कृपया मेरे ब्लॉक पर देखें।
मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏।