तोशु ने वनराज को 5 साल बाद फैन करता है। बनराज बोलना इंटरनेशनल नंबर है उसने हेलो बोला तो तोशु उसने पापा बोला। तब वनराज बहुत इमोशनल हो गया ।उसने कहा तोशु तू ,तो उसने बात अकड़ से कहा हमें और मैं मम्मी के बारे में बात करना चाहती हूं। तो बनराज बहुत दुखी हो जाता है ।कैसा है पुछा इतने साल बाद फोन किया और मम्मी के बारे में पूछना है ।कभी-कभी मुझसे तो बात कर लिया कर तो ।तो उसने बोलता है कि कैंजल तो हमेशा बात करती रहती है ना।
तो बनारज कहता है कि मेरे भी मेरी बेटी बेटा से बहुत बात करने की मन करता है। तो उसने बोला कि मैं मम्मी के बारे में बात करना चाहती हूं ।तो वनराज ने कहा चलो ठीक है क्या बात है बोलो तो ।उसने कहा कि मैं मम्मी को यूके में देखा है यह यहां क्या कर रही है। उसने बोला कि अगर मम्मी आपसे पूछे कि मैं यूके में हूं तो आप मना कर देना। मैं पिछली सारी लोगों को छोड़कर यहां आ गई हूं ।मुझे उनके रिश्ते से कोई मतलब नहीं ।बहुत दुखी हो जाता है उसने कहा कि आप बोल देना कि मैं यूके में नहीं हूं। मैं कहीं और हूं और कुछ नहीं बोलना फोन कट जाता है। वनराज ने अपनी मां के लिए बहुत परेशान होता है। कहता है की मां को इतना काम करने की क्या जरूरत है। मैं तो हूं ना, डिंपी कहता है कि कोई बात नहीं उन्हें अच्छा लगता है। वनराज ने पाखी को कहता क्या तुम बा के साथ जाकर थोड़ा सा उनकी मदद कर दो यह तुम्हारा अच्छा नहीं होगा ।तो पाखी ने बोला कि मेरे पास ही फालतू काम के लिए बिल्कुल वक्त नहीं है ।तो वनराज ने बोला तुम्हारे पास यह नल पेन लगाने के लिए वक्त है ।लेकिन बुजुर्ग को जाकर मदद करो यह तुम्हारे लिए कोई वक्त नहीं है ।तो उसने गुस्सा होकर वहां से उठ गए ।बनराज ने परेशान होकर बा को बार-बार फोन कर रही थी ।तब बा ने और सारी औरत ने मिलकर आ रहे थे ।बा ने बोला कोई बात नहीं बेटा मैं आ गई हूं परेशान मत हो ।और चक्की बनाने में इतना टाइम लग गया है कि हमें वक्त का पता ही नहीं चला। और कल सब बहुत जल्दी से जाना है और जाकर स्टॉल लगानी है ।यह बात करके सब चले गए । बनराज उसका फोन आया तो बा कहती है कि परेशान मत हो मैं आ रही हूं घर के बाहर हूं। तभी बा की बहुत जोर से आवाज आई वनराज ने पूछा क्या हुआ बा और कुछ नहीं बोल रही थी ।तब वनराज ने परेशान होकर बाहर जल्द दौड़कर आ गया।देखा कि बा एक्सीडेंट हो गया था ।वनराज ने देखा बा तो उसने बहुत परेशान हो गया। बा आपको कुछ नहीं हुआ क्या तो बा ने बोला नहीं मुझे कुछ नहीं हुआ। देखो यह बच्चा की वजह से मैं बच गया अभी मैं घर को जा रही थी। कोई गुंडा ने आकर मेरे मंगलसूत्र को पकड़ लिया था तब भी उसने इस लड़के ने आकर मुझे बच्चा लिया। नहीं तो मैं नहीं रहती। सब लोग जमा हो गए थे । सब ने बोला कौन है यह लड़का । वनराज ने देखा वही लड़का का बहुत खून बह रहा था। वनराज ने उसे उल्टा कर देखा कि वह टीटू था
वह अनुपम ने अपने काम को लेकर बहुत खुश थी ।और उनके होटल में भीड़ भी जाता हो रही थी। सब ने अनुपमा के साथ काम करके बहुत खुश हो रहे थे ।विक्रम भाई और सब स्टाफ वाले अनुपमा की बनाई हुई चाय पी रही थी ।उन लोगों ने बोलेगी चाय तो बहुत अच्छी है जो काफी पी रहे थे अब सब यह मसाला चाय पी रही है ।तो विक्रम जी ने बोला मैं यही सोच रही हूं तब से की यह चाय मैंने तो बनाया हूं लेकिन मिट्टी क्यों नहीं क्योंकि मैं चीनी नहीं डाली ।तो सब लोगों ने उसे कहा इतनी अच्छी चाय के लिए इतनी बकवास जोक आप कैसे कहा ।यह बोलकर सब खुश हो रहे थे लेकिन अनुपमा का ध्यान कहीं और था ।उसने तो तोशु के बारे में सोच रहा था
श्रुति अनुज और अध्याय डीनर करने के लिए रेस्टोरेंट आ रहे थे ।तब शृती ने बोला कि ए के आप के आपको जर्सी बहन का खाना खाकर बहुत अच्छा लगेगा ।तो अनुज ने मन में सोच रहा था मुझे खाने का नहीं खाने बाली कौन-कौन खाना बना रहा है मुझे उसकी फिक्र है मुझे उससे मिलना है ।वह अध्याय बहुत घबरा रही थी वह मन ही मन सोच रहा था मैं कैसे रोको पापा को अनुपमा से मिलने से ।वह सब लोग जाकर पहुंच गए होटल पर तभी रेस्टोरेंट पर कहीं आग लग गई ।और किसी के साथ मिलना नहीं हुआ। तो श्रुति ने बोलता है कि शायद तुम्हारा मिलने नसीब में नहीं है। अध्याय भगवान से प्रेम कर रहा है कि चलो ठीक है मैं आज किसी तरह भी पापा को अनुपमा से मिलने से रोक लिया।
आगे अनुपमा में क्या होगा जानने के लिए मेरे ब्लॉक में वने रहे। Thank you for reading.