आज के एपिसोड में अनुपमा खाना बनाकर लाया। यशपाल अनुपमा की डिस्को टेस्ट किया बहुत टेस्टी है ।इसी का नाम क्या है तो बोला अनुपम बोला मुझे पता नहीं ।यशपाल ने कहा यह कहां से सीखा ,तो अनुपमा ने कहा कि यह मेरी मां से सीखी। उसने हमारे लिए बना दी थी ।अब मैं मेरी बच्ची के लिए बनाते थे ।इससे बच्चों को भरपेट और खाना मिल जाता था।
तो यशपाल ने बोला तुम इस तरह एक महीने तक टेस्ट टेस्टी खाना बनाओ अगर तुम्हारा हो जाएगा तो तुम कुक के लिए रेडी है।अनुपम ने बोला हां ठीक है इसके बाद अनुपम विक्रम भाई से कहता है कि विक्रम भाई श्रुति के घर जाऊंगा मैं उसे खाना देने के लिए ।तो विक्रम जी ने बोला ठीक है तुम जाओ तो जाकर जल्दी आ जाना क्योंकि सर गुस्सा करेंगे ।तो अनुपमा ने बोला हां ठीक है मैं जाकर श्रुति जी को खाना देकर जल्दी से वापस आ जाऊंगी ।विक्रम भाई बोला कि अब मेरा ब्रेक है बोलकर वहां से चला गया ।
सा हाउस में बहुत कुछ तांडव चलता है ।पाखी अपने पापा से बात करने के लिए आता है। तो बा ने उसे कहता है कि पाखी तुम आज पापा से बात मत करो ,पापा व्यस्त है तुम कल बात कर लेना ।पाखी ने बदतमीजी करके बा को बोलता है मुझे मेरे पापा से बात करने के लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है ,मैं अभी बात करूंगी ।उसे वक्त पड़ोसी की एक आंटी उसकी पोता को लेकर आता है बोलता है देखा तुम्हारा आंस मेरे पोते को कैसे मार कर उसका बुरा हाल कर दिया है। तो बा कहता है कि देखो पुष्पा बहन मेरे अंश तो एक चिट्ठी को गलती से मार देता है तो उसको भी सॉरी बोलता है। तुम्हारा पोते को ऐसे नहीं मारेगा मुझे पता है ।दोनों की भीतर बहुत झगड़ा होता है। उसे पड़ोसी आंटी कहता है कि तुम्हारा अंश ज्यादा महंगा खिलौना दिखा कर सबको मारता पिता है मैंने मेरी आंखों से देखा उसने मेरी पोते अर्जुन को मारा है ।अगर मेरी पता उसे मारेगा तो तुम्हें चलेगा इस वक्त वनराज ने बहुत गुस्सा करके कहा कोई आवाज नहीं करेगा । बनराज पूछता है बेटा क्या हुआ उसने बोला कि अंश ने मुझे धक्का मारा और मेरा खिलौना तोड़ दिया। तो बानराज ने उसको पूछा क्या तुम यह किया। तो अंश ने कहा कि हां मैंने ऐसा किया क्यों किया तो अंश ने बोला उसने उसकी खिलौना दिखाकर मुझे चिढ़ा रहा था, मुझे गुस्सा आया तो मैं उसके खिलौना तोड़ दी ,और उसे मारा ।तो बनराज ने उसे आंटी से सॉरी बोलता है ।बोल मैं उसके लिए और अंश के लिए खेलने ले आऊंगी और आप यहां से जाओ ।तो उसने बोला यह खिलौने की बात नहीं यह अंश को उचित शिक्षा देने की बात है ।उसे इसी तरह से प्यार करोगे तो वह बिगड़ जाएगा। शिस्टाचार नहीं सीखेगा ।
हमने देखा है यहां पर समर , तोशु और पाखी बड़े हुए हैं इन लोगों ने बहुत अच्छे थे क्योंकि उनका जिम्मेदारी अनुपमा लिया था ।तो वनराज को गुस्सा आया बोला कि आप पैसे लेकर यहां से चले जाओ। तो उसने बोला कि यह पैसे की बात नहीं है ना यह खिलौने की बात है यह संस्कार के देने की बात है तुम तुम्हारा बच्चों को अच्छा संस्कार दो।
अनुज सोचता रहता है कि क्या मैं ठीक देखा अनुपमा वहां था उसने कहा हां मैं ठीक हूं वह अनुपम ही थी ।उन्होंने सोचता है में इंडिया फोन करके पूछ पता कर लेते हो क्या वह वहां पर है या नहीं ।तब भी श्रुति आकर बोलता है तुम किसी लड़की को देख रही थी ना इसलिए तुम्हारा एक्सीडेंट हुआ नहीं तो नहीं होता। ठीक उसी समय अनुपमा खाना लेकर आई तो आध्या दरबाज खोला।वह पहले प्रार्थना की की चलो अच्छा हुआ मैं दरवाजा खोल ली नहीं तो श्रुति ने अनुपम को पापा से मिला ही देती। अनुपम बोला नमस्कार बेटा तो अध्या उसे कुछ नहीं बोला। उसके हाथ से बैक छीन ली और बोला कि आप यहां से चली जाओ शुती आपको ऑनलाइन पेमेंट कर देगी । अनुपमा और कुछ नहीं बोला वहां से चली गई । अध्या उसे खाना खाना को फेंक ने के बारे में सोच रही थी तभी शृती आकर बोला जोशी वेहन आकर खाना देकर चली गई ।तो आध्या ने कहा उनकी बहुत कम थे तो उसने खाना देकर चले गए ।श्रुति ने खाना लेकर अनुज को दिया तो अनुज ने सोच रहा है यह सिर्फ अनुपमा के हाथ से बनाई हुई लगता है। खाना खाकर बहुत बहुत गहरी सांस लेता है ।
पाखी अपने पापा से बात कहते हैं कि मुझे इस घर से हिस्सा चाहिए। तो बनराज ने कहता है कि हां कोई बात नहीं जब डील हो जाएगा तुम्हें तुम्हारा हिस्सा भी मिल जाएगा। पहले बापू जी इस डील के लिए राजी हुए तो ।वहां काव्या आती है बोलती है कि पाखी और तोशु का उसका हिस्सा मिल जाएगा लेकिन समर का क्या ।पाखी बोलती है कि समर अभी जिंदा नहीं है ।तो काव्या कहता है कि डिंपी और अंश तो है ना ।तो बनारज कहता है कि उनकी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं। पाखी कहता है कि मुझे जब फ्लाइट मिलेगी तो मुझे शांति लेकर होगी काव्या ने कहता है कि क्या हम दिल्ली में फ्लैट लेंगे तो पाखी कहता है कि नहीं हम यहां रहेंगे ।बा ने कहता है कि तुम यहां रहोगी तो हमारे घर के शांति भंग कर दोगी, तुम तुम्हारा बच्ची को डिंपी के पास छोड़कर हमेशा घूमती रहेगी और झगड़ा ही करेगी ।बा ने बनराज से कहता है कि जा तू चार लोगों को लेकर क्योंकि तुम्हारी बेटी यहां रहेगी तो घर की शांति भंग होगी घर की शांति की आरती देने के लिए चार लोग तो चाहिए। वनराज कहता है कि जो भी है वह पाखी अकेले रहती हैं यहां रहेगी तो आंश ओर इंसानी के लिए अच्छा होगा ।आप प्लीज पाखी को यहां रहने दीजिए। जो भी है वह मेरी बेटी है तो है ना। बा कुछ नहीं बोलता है ।
श्रुति ने अनुपम को फोन करके कहते ही की हम आज शाम को तुम्हारे होटल में आएंगे डिनर करने के लिए। अनुपमा कहता है श्रुति जी अब ए के कैसे आएंगे । श्रुति ने कहा कि वह अभी थोड़ा सा ठीक है डिनर करने आएंगे। तो आप प्लीज कुछ अच्छा बना दीजिए। अनुपमा ठीक है बोलता है । अनुपमा कस्टमर को अपना खाना देती है और सब खुश होकर अनुपमा से सेल्फी लेते हैं। अनुपमा वहां सोचती है मेरे भी बच्चे क्या करते होंगे ।मेरी मेरे पाखी वैसे ही रहती होगी या थोड़ा सा बदल गई होगी। तोशु यूके में है उसे यहां रहना चाहिए ।और समर समर तो नहीं है अंश क्या कर रही होगी और मेरी छुट्टी छोटी तो मुझे अभी तक नफरत करती होगी। यह सोचकर उसने सबके लिए भगवान से प्रार्थना करता है ।
आगे के एपिसोड में क्या होगा जानने के लिए प्लीज मेरे ब्लॉक पर बने रहिए।